लिवर डिजीज (Liver Disease) के लिए पटना में सबसे अच्छा डॉक्टर कहां मिलेगा?
लिवर आपके शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है. ये शरीर से सभी हार्मफुल टॉक्सिंस (विषाक्त पदार्थों) को बाहर निकालने का काम करता है. इसलिए, आपके लिवर का हेल्दी होना बहुत ही जरूरी है. बहुत ज्यादा शराब पीने, मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज, ड्रग्स इंजेक्शन शेयर करना, टैटू या बॉडी पियर्सिंग आदि से लिवर डिजीज का खतरा बढ़ सकता है. अगर आप लिवर से संबंधित किसी भी प्रॉब्ल्म से जूझ रहे हैं, तो आपको पटना के बेस्ट हेपेटोलॉजिस्ट से तत्काल कंसल्ट करना चाहिए.
कौन है हेपेटोलॉजिस्ट (Hepatologist) और आपको इसकी जरूरत क्यों है?
हेपेटोलॉजी विज्ञान का एक क्षेत्र है. पहले यह गैस्ट्रोएंटरोलॉजी का एक सबसेट था. ये एक फील्ड है, जो पूरे डाइजेस्टिव सिस्टम और उससे संबंधित बीमारियों की केयर करता है. लेकिन, हाल के दिनों में हम जानते है कि मेडिसिन फील्ड काफी विकसित हुआ है, इसका विस्तार हुआ है, इसलिए अब हेपेटोलॉजी अब खुद एक स्पेशिएलिटी बन गया है. हेपटोलॉजी ग्रीक शब्द “हेपाटिकॉस” यानी लिवर और “लोजिया” यानी अध्ययन (स्टडी) से बना है. एक हेपेटोलॉजिस्ट लिवर, गॉल ब्लाडर, बाइलेरी ट्री ( पित्ताशय की थैली) और पैनक्रियांज को प्रभावित करने वाली बीमारियों की डायगनोसिस और ट्रीटमेंट करता है. आपके प्राइमरी केयर डॉक्टर (फिजिसियन) को अगर ये लगता है कि आपके लिवर में कोई समस्या है, तो वे आपको हेपेटोलॉजिस्ट के पास भेज सकते है. ऐसी स्थिति में, पटना में एक हेपेटोलॉजी स्पेशिएलिस्ट से कंसल्ट करना बहुत ही जरूरी हो जाता है.
हेपेटोलॉजिस्ट किन बीमारियों का इलाज करता है?
हेपेटोलॉजिस्ट लिवर, पैनक्रियाज, बाइलेरी ट्री (पित्ताशय की थैली) और बाइलेरी सिस्टम को प्रभावित करने वाली कई बीमारियों का इलाज करते हैं. हेपेटोलॉजिस्ट आपकी इन बीमारियों का इलाज करते हैं:
हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण हो सकता है या संक्रमित खून, सीमेन या वेजाइनल फ्लूड से फैल सकता है. यह पुरानी और संक्रामक बीमारी है.
हेपेटाइटिस सी भी पुरानी और संक्रामक बीमारी है. हेपेटाइटिस सी में लिवर में सूजन हो जाती है.
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस एक ऐसी कंडिशन है, जहां एक आदमी का इम्यून सिस्टम उसके हेल्दी सेल पर अटैक कर देता है. इससे लिवर में सूजन होती है. इससे सिरोसिस या लीवर फेल हो सकता है. ऐसी स्थिति में, पटना में सबसे अच्छा लिवर स्पेशिएलिस्ट डॉक्टर की तलाश करना ही बेहतर ऑप्शन है.
अल्कोहलिक लिवर डिजीज
बहुत ज्यादा अमाउंट में अल्कोहल सेवन से लिवर की बीमारी हो सकती है. पेट में सूजन या दर्द इसके लक्षण हैं. इससे डाइजेस्टिव इश्यूज, ब्रेन और नर्वस सिस्टम में प्रॉब्लम्स आते हैं. अल्कोहलिक लिवर डिजीज का फाइनल स्टेज लिवर सिरोसिस है.
सिरोसिस
सिरोसिस, हेपेटाइटिस या क्रोनिक अल्कोहलिज्म के कारण होता है. समय रहते इसका इलाज करने की जरूरत है, वर्ना यह जानलेवा हो सकता है.
फैटी लिवर
यह एक ऐसी स्थिति है, जहां लिवर में बहुत अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाता है. बहुत ज्यादा शराब पीने, मोटापा, हेपेटाइटिस सी, हेरिडेटी आदि फैटी लिवर के कारण हैं. अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह सिरोसिस और लिवर फेल का कारण बन सकता है.
असाइटीज- (पेट में पानी भरना)-
इस स्थिति में पेट के बीच स्थित लाइनिंग और दूसरे अबडोमिनल ऑर्गेन में बहुत ज्यादा मात्रा में लिक्विड (तरल पदार्थ) बनने लगता है. इसके प्रमुख कारणों में लिवर सिरोसिस, शराब का सेवन, कैंसर आदि हैं.
हेपेटोलॉजिस्ट बाइलेरी सिस्टम, गॉलस्टोन और पैंक्रियाटिस से संबंधित अन्य बीमारियों का भी इलाज करते हैं. लिवर से संबंधित किसी भी बीमारी के लिए हमेशा भारत के सबसे अच्छे हेपेटोलॉजी डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए. पटना में लिवर की बीमारी के लिए डॉ. निवेदिता बेस्ट डॉक्टर हैं.
अपने लिवर को कैसे हेल्दी रखें?
लिवर शरीर के कुछ सबसे जरूरी कामों को पूरा करने में मदद करता है. इसलिए, लिवर से संबंधित बीमारियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए, वरना इसके खतरनाक नतीजे हो सकते हैं, जैसे लिवर का परमानेंट डैमेज़ हो जाना. लिवर फेल के मामले में लिवर ट्रांसप्लांट करवाना आवश्यक है. भारत में लिवर ट्रांसप्लांटेशन की सफल सर्जरी के कई मामले सामने आए हैं, जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी है.
एक हेल्दी लिवर के लिए, व्यक्ति को नियमित रूप से एक्सरसाइज करना चाहिए, हेल्दी फूड लेना चाहिए, टॉक्सिक पदार्थों या दवाओं से बचना चाहिए, वजन को मेंटेन रखना चाहिए और टीकाकरण करवाना चाहिए.
हेल्दी लिवर के लिए फूड
आपको हमेशा एक हेल्दी लाइफ स्टाइल फॉलो करने की कोशिश करनी चाहिए. कुछ फूड ऐसे हैं, जो आपको हेल्दी लिवर बनाए रखने में मदद कर सकते हैं:
कॉफी, चाय, अंगूर, नींबू, ताजे फल जैसे कि केला, संतरा, सेब, ब्लूबेरी, क्रैनबेरी, अंगूर, चुकंदर, गाजर, अखरोट, लहसुन, अदरक, हल्दी, फ्रेश डेयरी प्रोड्क्ट, हरी सब्जियां, फैटी फिश, नट, ऑलिव ऑयल, आदि. पटना और बिहार की प्रसिद्ध लिवर और हेपेटोलॉजी एक्सपर्ट में से एक, डॉ. निवेदिता पांडे सुझाव देती हैं कि इन फूद्स को अपने डाइट में शामिल करने से लिवर को हेल्दी रखने में मदद मिलेगी.
आयुर्वेद के अनुसार, लिवर एक ज्वलंत अंग (फायरी ऑर्गेन) है और इसलिए हमें वैसे फूड्स खाने से परहेज करना चाहिए, जो बाइ नेचर हॉट (गर्म तासीर) हो. इसके अलावा, शराब, सिगरेट या ड्रग्स के सेवन से भी बचना चाहिए.
चूंकि लिवर मानव शरीर के कई महत्वपूर्ण कामों को करता है, इसलिए यह जरूरी है कि हम इसका ध्यान रखे. डॉ. निवेदिता पांडे के अनुसार, उचित आहार, व्यायाम और टीकाकरण की मदद से लिवर और अन्य अंगों से संबंधित बीमारियों को रोका जा सकता है. हालांकि, हर किसी को ये जानना चाहिए कि मौजूदा बीमारियों का इलाज समय रहते कितना महत्वपूर्ण है. लिवर से संबंधित मुद्दों को ध्यान से देखने की जरूरत है. चूंकि, हेल्थ कंडिशन पर्सन टू पर्सन अलग-अलग होता है. यह किसी भी व्यक्ति के मेडिकल हिस्ट्री, इम्यूनिटी, बॉडी कैपासिटी, आदि पर निर्भर करता है. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप इस फील्ड के बेस्ट एक्सपर्ट से कंसल्ट करें.